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• Thu, 23 Nov 2023 11:07 am IST


देवउठनी एकादशी आज, ये है नियम


आज देवउठनी एकादशी है. हर साल कार्तिक माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को देवउठनी एकादशी का पर्व मनाया जाता है. ऐसी मान्यताएं हैं किभगवान विष्णु आषाढ़ शुक्ल एकादशी को चार माह के लिए सो जाते हैं. फिर पुनः कार्तिक शुक्ल एकादशी को जागते हैं. इन चार महीनों में देव शयन के कारण समस्त मांगलिक कार्य वर्जित होते हैं. भगवान विष्णु के जागने के बाद ही कोई मांगलिक कार्य संपन्न हो पाता है. देव जागरण या उत्थान होने के कारण इसको देवोत्थान एकादशी कहते हैं. इस दिन उपवास रखने का विशेष महत्व है.

देवोत्थान एकादशी के नियम
देवउठनी एकादशी पर केवल निर्जल या जलीय पदार्थों पर ही उपवास रखना चाहिए. अगर रोगी, वृद्ध, बालक या व्यस्त व्यक्ति हैं तो केवल एक वेला का उपवास रखना चाहिए. इस दिन चावल और नमक से परहेज करना चाहिए. भगवान विष्णु या अपने इष्ट-देव की उपासना करें. तामसिक आहार (प्याज, लहसुन, मांस, मदिरा या बासी भोजन) का सेवन बिल्कुल न करें. आज के दिन "ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नमः " मंत्र का जाप करना चाहिए.

देवोत्थान एकादशी की पूजा विधि
इस दिन गन्ने का मंडप बनाएं और बीच में चौक बनाएं. चौक के मध्य में चाहें तो भगवान विष्णु का चित्र या मूर्ति रख सकते हैं. चौक के साथ ही भगवान के चरण चिह्न बनाए जाते हैं, जो ढके रहने चाहिए. भगवान को गन्ना, सिंघाडा और फल-मिठाई अर्पित किया जाता है. फिर घी का एक दीपक जलाएं. इसे रात भर जलने दें.