हिंदी सिनेमा में कुछ सितारे ऐसे होते हैं जो भले ही दुनिया को छोड़ चुके हैं लेकिन उनकी बातें, उनके किरदार और उनकी एक्टिंग हर किसी के दिल में बस जाती है। लोग उनकी मिसालें देते हैं। ऐसे ही दिग्गज कलाकारों में कॉमेडियन और डायरेक्टर सतीश कौशिश का भी नाम आता है। सतीश कौशिश के निधन को एक महीने से अधिक का समय बीत चुका है लेकिन वे आज भी दिलों में जिंदा हैं। बता दें कि बीती नौ मार्च को होली से ठीक एक दिन बाद सतीश कौशिश ने दुनिया को अलविदा कह दिया था। आज उनकी बर्थ एनिवर्सरी है।
13 अप्रैल 1956 को हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले में जन्मे एक्टर और डायरेक्टर सतीश कौशिश बेहद डाउन टू अर्थ थे। उन्हें लोगों के बीच बैठना, उनकी बातें सुनना और उनकी परेशानियां हल करना बेहद पसंद था। उन्हें बॉलीवुड का कैलेंडर भी कहा जाता था। दरअसल उन्हें बॉलीवुड के कैलेंडर कहे जाने का एक किस्सा काफी मशहूर है। बताया जाता है कि फिल्म 'मिस्टर इंडिया' की स्टार कास्ट को फाइनल करने के दौरान सतीश कौशिश खुद कलाकारों का ऑडिशन ले रहे थे, उन्हें फिल्म में कैलेंडर जो कि एक नौकर का किरदार था, काफी पसंद आया था।
ऐसे में वह उसके डायलॉग और उसका फनी नेचर को देखते हुए उस किरदार के लिए ऑडिशन देने आने वाले लोगों को रिजेक्ट किए जा रहे थे। कई दिनों तक चले ऑडिशन के बाद जब नौकर कलेंडर के लिए कोई एक्टर फाइनल नहीं हुआ तो खुद सतीश कौशिक ने इस किरदार के लिए ऑडिशन दिया। हालांकि फिल्म में ये किरदार ज्यादा बड़ा नहीं था, लेकिन इसे करने के लिए वह काफी एक्साइटेड थे। इतना ही नहीं इस किरदार का नाम कैलेंडर रखने के पीछे भी सतीश कौशिक की खास वजह थी। कहते हैं एक्टर के पिता के एक दोस्त जब भी उनसे मिलने घर आते थे तो वे हर बात को कैलेंडर से कनेक्ट करके करते थे।
कहने का मतलब ये है कि उनकी हर बात की शुरुआत कैलेंडर के साथ हुआ करती थी। उसी शख्स से इंस्पायर होकर सतीश कौशिक ने फिल्म में नौकर का नाम कैलेंडर रखा रहा और उसके डायलॉग भी फिल्म कुछ इसी तरह हैं। वह भी हर डायलॉग की शुरुआत में अपना नाम कैलेंडर लिया करते थे।