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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 22 Jan 2023 2:00 pm IST


तुलसी कृत राम चरित मानस की इन चौपाइयों का रोज करें पाठ, हर समस्या होगी छूमंतर


हिंदू धर्म में राम चरित मानस ग्रंथ बेहद महत्वपूर्ण है। वहीं इस ग्रंथ में कुछ ऐसी चौपाइयों का वर्णन मिलता है, जिनका प्रतिदिन जाप करने से मनुष्य के जीवन से आर्थिक तंगी दूर हो सकती है। साथ ही उसकी हर मनोकामना पूरी हो सकती है। आपको मालूम ही होगा कि राम चरितमानस की रचना गोस्वामी तुलसीदास ने की थी। वहीं रामचरितमानस को तुलसीदास ने सात काण्डों में विभक्त किया है। इन सात काण्डों के नाम हैं- बालकाण्ड, अयोध्याकाण्ड, अरण्यकाण्ड, किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड, लंकाकाण्ड और उत्तरकाण्ड। छन्दों की संख्या के अनुसार बालकाण्ड और किष्किन्धाकाण्ड क्रमशः सबसे बड़े और छोटे काण्ड हैं। इसमें श्लोक संख्या 27 है, मानस में चौपाई संख्या 4608 है, मानस में दोहा 1074 है, मानस में सोरठा संख्या 207 है और मानस में 86 छन्द है। आइए जानते हैं राम चरितमानस की महत्वपूर्ण चौपाई के बारे में। 

संपत्ति प्राप्ति के लिए

‘जे सकाम नर सुनहिं जे गावहिं।

सुख संपत्ति नानाविधि पावहिं।।

मनोकामना पूर्ति एवं सर्वबाधा निवारण हेतु

कवन सो काज कठिन जग माही।

जो नहीं होइ तात तुम पाहीं।।

आजीविका प्राप्ति या वृद्धि हेतु

बिस्व भरन पोषन कर जोई।

ताकर नाम भरत असहोई।।

शत्रु नाश के लिए

बयरू न कर काहू सन कोई।

रामप्रताप विषमता खोई।।

भय व संशय निवृत्ति के लिए

रामकथा सुन्दर कर तारी।

संशय बिहग उड़व निहारी।।

अनजान स्थान पर भय के लिए

मामभिरक्षय रघुकुल नायक।

धृतवर चाप रुचिर कर सायक।।

भगवान राम की शरण प्राप्ति हेतु

सुनि प्रभु वचन हरष हनुमाना।

सरनागत बच्छल भगवाना।।

विपत्ति नाश के लिए

राजीव नयन धरें धनु सायक।

भगत बिपति भंजन सुखदायक।।

रोग तथा उपद्रवों की शांति हेतु

दैहिक दैविक भौतिक तापा।

राम राज नहिं काहुहिं ब्यापा।।

विवाह हेतु करें इस चौपाई का जाप

तब जनक पाइ बसिष्ठ आयसु ब्याह साज संवारि कै।

मांडवी श्रुतिकीरित उरमिला कुंअरि लई हंकारि कै।।

खोई हुयी वस्तु पाने हेतु

गई बहोर गरीब नेवाजू।

सरल सबल साहिब रधुराजू।।

राम चरितमानस का पाठ करने का नियम

राम चरितमानस की चौपाई का पाठ करने से पहले प्रतिदिन सुबह स्नान करें। साथ ही फिर चौकी पर राम दरबार या श्री राम की मूर्ति या चित्र स्थापित करें। इसके बाद दीपक जलाएं और हनुमान की और गणपति जी का आह्वान करें। साथ ही फिर रामचरितमानस का पाठ करें। ऐसा करने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो सकती हैं। साथ ही भगवान श्री राम की कृपा आपको प्राप्त होगी।