कुमाऊं मंडल के पहाड़ के नाशपाती इन दोनों मंडियों तक पहुंचने लगे हैं. बारिश ने पहाड़ी नाशपाती के स्वाद को और मीठा कर दिया है, जिसके चलते पहाड़ी नाशपाती की दूसरे राज्यों की मंडियों में खूब डिमांड आ रही है. पहाड़ के काश्तकारों की मानें तो गर्मी के चलते नाशपाती का साइज थोड़ा छोटा हो गया था, लेकिन कुछ दिनों से हो रही बरसात के चलते नाशपाती का उत्पादन बढ़ा है. जिसके चलते फल मंडियों में नाशपाती की खूब डिमांड हो रही है.
फल और सब्जी मंडी एसोसिएशन के अध्यक्ष कैलाश चंद्र जोशी ने बताया कि इस बार पहाड़ों पर नाशपाती का उत्पादन अन्य सालों की तुलना में दोगनी हुआ है. पहाड़ पर मुख्य रूप से जाकलें,गोला, ककड़िया और कश्मीरी नाशपाती की पैदावार होती है. लेकिन कुमाऊं मंडल के पहाड़ की जाकलें और गोला नाशपाती का स्वाद अन्य नाशपतियों की तुलना में मीठा होता है, जिसके चलते पहाड़ के नाशपाती उत्तराखंड के साथ-साथ उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात के अलावा अन्य मंडियों में खूब डिमांड हो रही है.