अभिषेक
बच्चन की 'दसवी'
को दुनिया भर से
बड़े पैमाने पर वाहवाही मिली है।
कई लोगों ने एक
भ्रष्ट राजनेता की प्रेरक कहानी काफी पसंद आई, जो जेल में रहते हुए 10वीं करने की
ठानी और अंत में परीक्षा पास भी की। फिल्म से संबंधित अच्छी खबर ये है कि इसका
समाज के वर्ग पर काफी अच्छा प्रभाव पड़ा है।
दरअसल तुषार
जलोटा के निर्देशन में बनी इस फिल्म की शूटिंग आगरा सेंट्रल जेल में की गई थी,
साथ ही परिसर में
कैदियों के लिए फिल्म की स्क्रीनिंग भी की गई थी। जहां कुछ कैदियों ने फिल्म के
संदेश से प्ररित होकर अपनी शिक्षा पूरी करने का फैसला किया और 10वीं और 12वीं की
परीक्षा में हिस्सा लिया। उनमें से 12 बोर्ड पास कर चुके हैं। कैदियों में से 9 ने
जहां 10वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की, वहीं
3 ने इंटरमीडिएट 12वीं कक्षा की परीक्षा उत्तीर्ण की।
इस खबर पर
अपना रिएक्शन देते हुए लीड स्टार अभिषेक बच्चन ने कहा,“जब आप वास्तविक जीवन में एक ऐसी
फिल्म का सकारात्मक प्रभाव देखते हैं, जिसका
आप हिस्सा रहे हैं, तो
बहुत अच्छा लगता है। इसका श्रेय छात्रों और मेरे निर्देशक तुषार को जाता है। फिल्म
में उनका विश्वास और वह कहानी जो वह बताना चाहते थे। यह खबर किसी भी पुरस्कार या
सम्मान से बड़ी है।"
फिल्म के
प्रभाव के बारे में बात करते हुए निर्माता
दिनेश विजान कहते हैं, “फिल्में
फर्क ला सकती हैं। मैंने हमेशा अच्छे कांटेंट के समर्थन में विश्वास किया है, जिसे
मेन स्ट्रीम फिल्मों में बनाया जा सकता है। 'दसवीं'
मेरे लिए ऐसा करने
का एक और मौका था। मैं वास्तव में खुश और गौरवान्वित हूं कि इसने लोगों के जीवन को
छूने में कामयाबी हासिल की है और उन्हें सकारात्मक तरीके से प्रभावित किया है।”
इस खबर पर
अपनी खुशी साझा करते हुए निर्देशक
तुषार जलोटा ने कहा,“मैं
इस तरह की दिल को छू लेने वाली खबर सुनकर वाकई बहुत खुश हूं। दसवी के साथ,
हम हमेशा एक मेन
स्ट्रीम, एंटरटेंनिंग
फिल्म बनाना चाहते थे। जहां हमने शिक्षा के महत्व के बारे में बात की। लेकिन सबसे
महत्वपूर्ण बात यह थी कि इसे बनाते समय हम सभी के इरादे बहुत ईमानदार थे। जब दिल
से शब्द कहे जाते हैं, तो
वे दूसरे दिल में प्रवेश कर जाते हैं। तथ्य ये है कि हम अच्छे के लिए इतने सारे
जीवन को प्रेरित करने और प्रभावित करने को मैनेज कर सकते हैं,
इसने वास्तव में
इसे एक बहुत ही अच्छा अनुभव बना दिया है।”