लखनऊ: इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए), उद्यान एवं खाद्य संस्करण विभाग, एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग द्वारा राजधानी स्थित इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कृषि आधारित एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन का शुक्रवार को तीसरा और अंतिम दिन है। महासम्मेलन के साथ ही इंडिया फूड एक्सपो का भी आयोजन किया गया है, जिसमें 100 से अधिक प्रदर्शनी और 177 स्टॉल्स लगाए गए हैं।
एमएसएमई उद्यमी महासम्मेलन के समापन वाले दिन यानी आज उत्तर प्रदेश के आयुष मंत्री
दयाशंकर दयालु पहुंचे। उन्होंने इंडिया फूड एक्सपो में आईआईए के
स्टार्टअप का जायजा लिया। उसके बाद मंच पर पहुंचने पर आयुष मंत्री दयाशंकर दयालु
का आईआईए के महासचिव दिनेश गोयल ने स्वागत किया। इस दौरान वाराणसी जिले की अजगरा विधानसभा
के भाजपा विधायक त्रिभुवन राम, आईआईए के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अशोक अग्रवाल सहित कई पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस मेले से हमें बहुत कुछ सीखने की जरूरत
आज कार्यक्रम में आयुष मंत्री दयाशंकर दयालु ने अपने संबोधन
में भाजपा विधायक त्रिभुवन राम, आईआईए के राष्ट्रीय
अध्यक्ष अशोक अग्रवाल, नीरज सिंघल, वरिष्ठ महासचिव दिनेश गोयल का आभार जताते हुए उनकी तारीफ की।
उन्होंने गाजीपुर एक्सपो के चेयरमैन की तारीफ करते हुए कहा कि दीपक बजाज ने बताया
कि कार्यक्रम के लिए आपको लखनऊ में आना है। उन्होंने बताया कि जैसे ही अंधेरे का
दीपक की रोशनी से हटाया जा सकता है, उसी तरह से उद्योगों
के तहत होने वाली कठिनाइयों को दीपक बजाज दूर कर देंगे। गांव के मेले लाल मिर्ची
का अचार देखा करता था, इसके साथ चमड़े
की मोटी बिका करती थी जिस चमड़ी को बैलों के माध्यम से कुएं में डालकर पानी निकाला
जाता था। यह समग्र गांव के बनियों की दूर की बात है। इस मेले को देखकर लगा ऐसे मेलों
से हमें काफी कुछ सीखने की जरूरत है।
आयुष मंत्री ने कहा कि आज काफी ऐसी मशीनें हैं, जो दाल और चावल के कंकड़ तक बीनकर अलग कर दिया करती हैं। पहले
के दौर में गेहूं और चावल को साफ करने में न जाने कितना समय लग जाया करता था। घर
की बुजुर्ग महिलाएं इस काम में हैरान परेशान हो जाती थीं। आज के समय में कितना
वक्त बच जाता है। आज एक ही बार में पूरा प्रोडक्ट साफ कर दिया जाता है। किसी जमाने
में हम गेहूं और चावल के लिए दुनिया के सामने हाथ पसारे करते थे। अमेरिका जिस
गेहूं को अपने समुद्र में फेंकने जाता था, हम उसके आगे हाथ
फैलाया करते थे। यह हाल था अपने देश का हम विदेशों से मांग कर अनाज मान कर लाते थे, उससे हमारा पेट भरता था। इन सब के पीछे पूर्व प्रधानमंत्री
लाल बहादुर शास्त्री की देन है कि हमें विदेशों से मांग कर अनाज खाने से मुक्ति
मिली। उसी दौरान पहली बार अनाजों के गोदाम बने निश्चित तौर पर पुराने और अनुभवी
लोगों को यह बातें याद होंगी। इससे पहले अनाज के गोदाम नहीं होते थे, राशन की दुकानें नहीं होती थीं ना तो भंडारण किया जाता था।
इंडिया फूड एक्सपो में आकर नए भारत का अहसास हुआ
मंत्री दयाशंकर दयालु ने कहा कि आज इतनी खूबसूरत पैकिंग में
आपको गेहूं से लेकर चावल तक प्रोडक्ट मिलते हैं और कैसे मशीनों से कीड़ों को अलग
किया जाता है, इन सबको देखकर हम अभिभूत हुए। गांव में कोई
रोजगार नहीं। पूरा देश हमारे पूर्वांचल की जहां तक बात है तो घर के सारे लोग बड़े
होकर कमाने जाते थे। कोई दिल्ली, कोई कोलकाता, कोई मुंबई जाता था और कहा जाता था कि यह शान हो गया है। आज
इंडस्ट्री की देन है कि अपने लोग रोजगार के लिए बाहर नहीं जाते हैं। अपना देश से
ही प्रदेश हो गया है और अब तो दुनिया के दूसरे देशों के लोग अपने यहां आकर
इंडस्ट्री लगा रहे हैं। हजारों लोग यहां आकर काफी बड़ी-बड़ी इंडस्ट्री लगा रहे हैं।
यहां आकर सचमुच एहसास हुआ कि आपने नए भारत का दर्शन करा दिया। इस कार्यक्रम के
दौरान मुझे शामिल करके आप लोगों ने मुझ पर एहसान किया है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में भारत का मान बढ़ा है। कल जो
आपका लक्ष्य था कि रोटी, कपड़ा और मकान, लेकिन आप आज दुनिया की एक महाशक्ति बनते जा रहे हैं। जिस दिन आप अपने लक्ष्य को हासिल कर लेंगे, उस दिन दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति आप बनेंगे। भारतीय
उन्नति का यह दौर है कि 200 सालों की गुलामी से निकलकर देश आज इतना आगे बढ़ चुका है
कि दुनिया पर शासन करने वाला है। विदेश पर आज भारतीय ऋषि सुनक शासक बने हैं। हमारे
लिए बड़ी उपलब्धि है कि उस देश का शासक भारतवंशी है।
काशी में भी ऐसा ही महासम्मेलन करने व प्रदर्शनी लगाने की बात
आज अमेरिका, फ्रांस, जर्मनी और जापान के राष्ट्राध्यक्ष के आगे हमारा मुखिया
चला करता है। आज दुनिया का नेतृत्व करने वाले देश भारत के नागरिक हैं। दुनिया के
सैकड़ों ऐसे देश हैं, जिनकी शक्ति और
जनसंख्या भारत के, यहां तक की
उत्तर प्रदेश की जनसंख्या अकेले ही लगभग अमेरिका के बराबर है। इससे पता चलता है कि
एक महत्वपूर्ण राष्ट्र उत्तर प्रदेश विकसित होगा। उन्होंने कहा कि काशी को भी एक
ऐसे मेले की जरूरत है। हम इंतजार
करेंगे कि आप ऐसा मेला काशी में आयोजित करें और निश्चित तौर पर प्रधानमंत्री
नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को अच्छा लगेगा। काशी व्यापार, खरीदारी यहां तक कि चिकित्सकीय संभावनाओं वालों शहर है। दुनिया
जानती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लोकसभा क्षेत्र काशी है। आपके चरण काशी
में पड़ेंगे तो कैसी भी अभिभूत होगी, ऐसे ही नहीं
पूरे पूर्वांचल को बहुत कुछ देने का प्रयास करेंगे।