सनातन धर्म में कार्तिक पूर्णिमा का काफी महत्व है और पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दीपदान भी किया जाता है। लेकिन इस साल लोगों के मन में इसे लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। दरअसल, इस साल कार्तिक पूर्णिमा 8 नवंबर के दिन चंद्रग्रहण पड़ने वाला है। ऐसे में लोगों के मन में गंगा स्नान, दीपदान और पूजा-उपवास को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है, कि आखिर ये सब कार्य कब करेंगे और कैसे कर पाएंगे। तो आइए विस्तार से जानते हैं चंद्रग्रहण के कारण क्या-क्या चीजें प्रभावित हो सकती हैं और किस दिन क्या किया जाएगा।
कब होगा दीपदान?
पौराणिक ग्रंथों के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन दीपदान का भी बहुत अधिक महत्व माना जाता है। वहीं इस बार चंद्र ग्रहण के कारण दो दिन दीपदान किया जा सकता है, 6 नवंबर की शाम को चतुर्दशी तिथि पड़ रही है। इस कारण 6 नवंबर से 7 नवंबर तक दीपदान किया जा सकता है।
गंगा स्नान पर चंद्र ग्रहण का प्रभाव
जैसा कि हम जानते हैं कि इस साल 8 नवंबर कार्तिक पूर्णिमा के दिन चंद्रग्रहण लगने जा रहा है इसलिए गंगा स्नान इस बार 9 नवंबर को पड़वा में सुबह किया जा सकता है। बता दें कि प्रत्येक पक्ष की पहली तिथि यानी कि प्रतिपदा को पड़वा कहा जाता है।
कई देशों में नजर आएगा चंद्रग्रहण
2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण भारत समेत उत्तर-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, उत्तरी अमेरिका, अधिकांश दक्षिण अमेरिका, प्रशांत महासागर, अटलांटिक, हिंद महासागर, आर्कटिक और अंटार्कटिका में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण की तिथि और समय
साल का अंतिम चंद्र ग्रहण 8 नवंबर दिन मंगलवार के दिन शाम 5 बजकर 28 मिनट से शुरू होगा और शाम 7 बजकर 26 मिनट तक होगा। लेकिन ग्रहण के 9 घंटे पहले से ही सूतक काल आरंभ हो जाता है, जो कि सुबह 8 बजकर 10 मिनट पर शुरू होकर शाम 6 बजकर 10 मिनट तक रहेगा।