उत्तरकाशी: पंचक समाप्त होते ही गंगोत्री धाम में गंगा जल भरने के लिए बाइक और ट्रकों के जरिये कांवड़ यात्री पहुंचने लगे हैं। लेकिन, अधिकांश कांवड़ यात्री यातायात के नियमों को ताक पर रखकर अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। ऐसे में कभी बड़ी घटना घट सकती है। एक अगस्त 2010 को भटवाड़ी के डबराणी के पास कांवड़ यात्रियों का एक ट्रक गिरा था। जिसमें 27 कांवड़ यात्रियों की मौत हुई थी। इसके अलावा कई छोटी घटनाएं भी हो चुकी हैं। लेकिन, इन घटनाओं से ना तो कांवड़ यात्रियों ने सबक लिया और ना प्रशासन ने सख्ती बरती।कांवड़ शुरू होते ही गंगोत्री और गोमुख से गंगा जल लेने के लिए डाक कांवड़ यात्रियों की संख्या बढ़ने लगी है। बाइक के जरिये जो कांवड़ यात्री आ रहे उनमें हेलमेट कोई भी कांवड़ यात्री नहीं पहन रहा है। जबकि पहाड़ों में वर्षाकाल के दौरान पहाड़ी से पत्थर गिरने का खतरा लगातार बना रहता है।