विश्व स्पाइन दिवस : आज के दौर में रीढ़ की हड्डी की सही तरह से देखभाल एक बेहद जरूरी जरूरत बन गई है. जिसका कारण है कि वर्तमान समय में सिर्फ बुजुर्गों में ही नहीं बल्कि हर उम्र के बच्चों व बड़ों में सिर्फ कमर दर्द ही नहीं बल्कि रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कई प्रकार की समस्याओं के मामले बहुत ज्यादा देखने में आने लगे हैं. वैश्विक स्तर पर जन-जन को स्वस्थ रीढ़ की हड्डी के महत्व को समझाने तथा उससे संबंधित रोगों तथा उनके उपचारों के लेकर जागरूक करने के उद्देश्य से हर साल 16 अक्टूबर को विश्व स्पाइन दिवस मनाया जाता है. इस वर्ष यह दिवस "मूव योर स्पाइन" थीम पर मनाया जा रहा है.
जरूरी है रीढ़ की हड्डी की देखभाल
उपलब्ध आंकड़ों की माने तो वर्तमान समय में लगभग एक अरब लोग रीढ़ की हड्डी में दर्द या समस्या से पीड़ित हैं. जिनमें से लगभग 540 मिलियन लोग कमर में दर्द की समस्या का शिकार हैं. गौरतलब है कि रीढ़ की हड्डी हमारे शरीर की बेस बोन या आधार होती है, जो हमारे शरीर के खड़े रहने, चलने, बैठने या झुकने जैसी गतिविधियों में सबसे जरूरी होती हैं. इसलिए रीढ़ की हड्डी में दर्द या समस्या कई बार चलने, लेटने, बैठने, झुकने, खाने तथा सोने सहित कुछ अन्य दैनिक क्रियाओं पर भी असर डालती है. वहीं ऐसा होना कई बार कुछ अन्य समस्याओं के ट्रिगर होने का कारण भी बन सकता है.
गौरतलब है कि सही समय पर कमर दर्द के कारणों तथा रीढ़ की हड्डी में समस्या की जांच व सही इलाज में देरी कई बार पीड़ित में विकलांगता का कारण भी बन सकती है. इसलिए बहुत जरूरी है कि कमर, कंधों या पैरों में लगातार या सात दिन से ज्यादा दर्द होने, पैरों में सुन्नता होने या दर्द के कारण चलने या अन्य कार्य करने में समस्या जैसे अन्य संबंधित लक्षण नजर आने पर चिकित्सक से परामर्श जरूर लिया जाय.