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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 7 Feb 2022 5:42 pm IST


लता मंगेशकर: दीदी के 'दैय्या रे दैय्या' गीत से पहाड़ी संस्कृति को मिली वैश्विक पहचान


स्व. लता मंगेशकर को तमाम लोग सरस्वती की पुत्री कहते थे, यह संयोग है कि अपने अंतिम समय में वे वसंत पंचमी को मां सरस्वती का आशीर्वाद लेने के बाद ही अंतिम सफर पर रवाना भी हुईं। निर्माता, निर्देशक बिमल रॉय की मधुमति फिल्म के लिए गाए गीत से कुमाऊं की नृत्य शैली, वेशभूषा और संस्कृति को वैश्विक पहचान दिलाने वाली लता जी का जाना कुमाऊं वासियों के लिए भी एक सदमे के समान है। मधुमति फिल्म के लिए लता ने पांच गीत गाए और इन गीतों की शूटिंग नैनीताल के निकट भवाली, घोड़ाखाल, गेठिया आदि क्षेत्रों में हुई थी। ये सभी गीत बेहद लोकप्रिय हुए थे और आज भी उतने ही लोकप्रिय हैं। इनमें से एक गीत आजा रे परदेसी के लिए लता को 1958 का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। आजादी के बाद कुमाऊं में फिल्मायी गई यह पहली फिल्म थी।