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DevBhoomi Insider Desk
• Wed, 13 Oct 2021 1:06 pm IST


जड़ी बूटी से कंट्रोल करें अब अपना ब्लड शुगर


डायबिटीज के मरीजों को ब्लड शुगर कंट्रोल करने के लिए खानपान समेत लाइफस्टाइल का बहुत ख्याल रखना पड़ता है. आयुर्वेद में डायबिटीज के मरीजों  के लिए कई तरह की औषधियां और जड़ी-बूटी बताई गई हैं लेकिन इनमे सबसे ज्यादा फायदेमंद अश्वगंधा को माना गया है. अश्वगंधा ना सिर्फ शारीरिक बल्कि मानसिक तौर पर भी फायदा पहुंचाता है. कुछ स्टडीज के मुताबिक, अश्वगंधा में कुछ मात्रा में एंटी डायबिटिक प्रॉपर्टीज पाई जाती है.
अश्वगंधा के फायदे -अश्वगंधा के पौधों में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं. इसके औषधीय गुणों की वजह से ही सालों से कई आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल किया जाता रहा है. अश्वगंधा में मजबूत एंटीऑक्सीडेंट कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से बचाते हैं. इससे तनाव कम होता है. इम्यूनिटी बढ़ाने में भी अश्वगंधा काफी कारगर पाया गया है. इसके अलावा अश्वगंधा को एंटी डायबिटिक, एंटी कैंसर, एंटी माइक्रोबियल, एंटी आर्थिरिटिक, न्यूरो न्यूरोप्रोटेक्टिव और कार्डियो प्रोटेक्टिव माना जाता है. हालांकि इसके सेवन से पहले डॉक्टर से संपर्क करना जरूरी है.
डायबिटीज के मरीजों पर अश्वगंधा का असर - अश्वगंधा में औषधीय गुण पाए जाते हैं और ये ब्लड ग्लुकोज स्तर को कम करने में भी फायदेमंद है. 2015 की एक टेस्ट ट्यूब स्टडी में पाया गया कि अश्वगंधा इंसुलिन स्राव को बढ़ाता है और मांसपेशियों की कोशिकाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता में भी सुधार करता है. 2020 की एक समीक्षा स्टडी के अनुसार अश्वगंधा की जड़ का पाउडर  ब्लड ग्लुकोज स्तर को कम करता है. रिसर्च के मुताबिक अश्वगंधा लेने से तनाव कम होता है और फास्टिंग ब्लड ग्लुकोज के स्तर में सुधार आता है.

कैसे करें इस्तेमाल- अश्वगंधा का इस्तेमाल कई अलग-अलग तरीके से किया जा सकता है. 2020 की एक स्टडी के मुताबिक, पाउडर के रूप में अश्वगंधा का सेवन ज्यादा फायदेमंद होता है. ये न्यूरोडीजेनेरेटिव डिसऑर्डर और कैंसर से बचाता है. वहीं इसका पेस्ट लगाने से जोड़ों के दर्द और सूजन में राहत मिलती है. अश्वगंधा घृत को घी में मिलाकर खाने से इसके एंटीऑक्सीडेंट गुण और बढ़ जाते हैं. टाइप 2 डायबिटीज के लिए अश्वगंधा की जड़ और पत्तियों के अर्क को एक प्रभावी इलाज के तौर पर देखा जाता है.