लव जिहाद के बढ़ते मामलों ने उत्तराखंड की चिंता बढ़ा दी है। प्रदेशभर में लगातार इस तरह के मामले सामने आ रहे हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो इस वर्ष पांच महीनों में अब तक ऐसे 46 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें दर्जनभर से अधिक मामले एक महीने के अंतराल में आए हैं।
कई ऐसे मामले भी सामने आए, जो पुलिस तक पहुंचे ही नहीं। इस तरह की घटनाओं से देवभूमि में सांप्रदायिक सदभाव को भी खतरा पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। लव जिहाद में मुस्लिम युवकों की संलिप्तता से पूरे प्रदेश में मुस्लिम समुदाय के प्रति गुस्से का माहौल है। इसको देखते हुए पुलिस-प्रशासन सक्रिय हो गया है।विभिन्न वर्गों के साथ बैठकें भी कर रही है। बीते वर्ष भी लव जिहाद के 78 मामले प्रकाश में आए थे। ऐसे में इसको जनसांख्यिकी बदलाव के एजेंडे से जोड़कर भी देखा जा रहा है। यह अलग बात है कि कोई भी आधिकारिक तौर पर इस संबंध में खुलकर बोलने से बच रहा है।