समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) के तहत हरिद्वार, टिहरी व यूएसनगर के ऑडिट में कई खामियों का खुलासा हुआ है। अफसर मनमानी खरीद-फरोख्त कर रहे हैं व छात्रों को दी जाने वाली जूते-बैग जैसी सुविधाओं का बजट भी दबाए हुए हैं। इससे शिक्षा का अधिकार (आरटीई) कानून के तहत प्राइवेट स्कूलों में पढ़ रहे तमाम छात्रों को प्रतिपूर्ति की राशि नहीं मिल रही। ऑडिट में 20 बिंदुओं में अफसरों की लापरवाही सामने आई है।
राज्य परियोजना निदेशक- बंशीधर तिवारी ने तीनों जिलों के सीईओ को सुधार के निर्देश दिए हैं। साथ ही पांच दिन में रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट में बीईओ और उपशिक्षा अधिकारियों के स्तर पर जिम्मेदारियों के प्रति गंभीरता न बरतने का उल्लेख किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि आरटीई के तहत छात्रों को मिलने वाला पैसा कई बैंकों ने कई गलत एकाउंट नंबर होने की वजह से वापस लौटाया है। तब से यह राशि विभाग के खाते में जमा है। लौटाई गई राशि को दोबारा तक छात्र तक पहुंचाने के लिए कोई प्रयास नहीं किए गए।