वैशाख मास भगवान विष्णु का सबसे प्रिय माह माना जाता है। इस माह को सर्वोच्च माह बताया गया है। विशाखा नक्षत्र से संबंध होने के कारण इस माह को वैशाख कहा जाता है। विशाखा नक्षत्र के स्वामी देवगुरु बृहस्पति और देवराज इंद्र हैं। इस माह किए दान से मिलने वाला पुण्य कभी समाप्त नहीं होता है। वैशाख मास के देवता भगवान मधुसूदन हैं। इस मास का एक नाम माधव मास भी है। वैशाख मास में पिछले जन्मों के पापों को दूर करने की पवित्रता है। इस माह में मनचाहा फल प्राप्त होता है। यह माह धर्म, यज्ञ, क्रिया और तपस्या का सार है। यह माह देवताओं द्वारा भी पूजित है। इस माह तीर्थ स्नान और दान से जाने-अनजाने में किए गए पाप दूर हो जाते हैं। इस माह भगवान श्री हरि विष्णु और भगवान परशुराम की पूजा का विधान है। इस माह गीता का पाठ करना कल्याणकारी है। इसी माह श्री बांके बिहारी जी के चरण दर्शन होते हैं।
वैशाख में गंगा स्नान एवं गंगा पूजा करने से पुण्य प्राप्त होता है। इस माह तुलसी और पीपल पूजा का विशेष महत्व है। इस माह प्यासे लोगों और जानवरों को पानी पिलाने से कई गुना फल प्राप्त होता है। इस माह भगवान श्री हरि विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा करने से और उन्हें लाल गुलाब या कमल का फूल अर्पित करने से आर्थिक परिस्थितियां बेहतर होती हैं। इस माह घर आंगन में तुलसी का पौधा लगाना शुभ होता है। इस मास में मिट्टी का घड़ा दान करने का विधान है। वैशाख मास में जल दान का विशेष महत्व है। जरूरतमंद को पंखा, खरबूजा, अन्न आदि का दान करना चाहिए। इस माह ब्रह्मचर्य का पालन करें और सात्विक भोजन करें। इस माह में एक समय भोजन करना चाहिए।