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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 8 Sep 2022 11:30 pm IST


Sanskaarshala : छात्रों को डिजिटल माध्यम के प्रति अनुशासित किया जाए


 पिछले दो दशकों में सभी ने यह अनुभव किया होगा कि टेक्नोलाजी ने हमारे जीवन को अपने नियंत्रण में ले लिया है। अभी तक हम अभिभावक के रूप में इस खुशफहमी में थे कि हमारे बच्चों को डिजिटल माध्यम इतना नहीं प्रभावित कर रहा है, पर पिछले दो वर्षों से कोरोना महामारी के दौरान यह छात्रों के जीवन का अनिवार्य हिस्सा बन गया है। या यूं कहें कि बना दिया गया। यह अच्छी बात रही कि उस कठिन समय में आनलाइन पठन-पाठन की वजह से ही शिक्षा की डोर छूट नहीं पाई। बल्कि यह माध्यम और सशक्त होकर सामने आया और अब इसके बिना शिक्षा के प्रसार की अबाध गति की कल्पना कोरी प्रतीत होने लगी है।

अब डिजिटल माध्यम एक ऐसी आवश्यकता बन गया, जिसे न छोड़ते बन रहा है और न ही रखते हुए है। ऐसे में छात्रों को स्क्रीन टाइम के अनुशासन का पालन करना पड़ेगा। यह आज के समय की मांग है कि छात्रों को डिजिटल माध्यम के प्रति संस्कारित और अनुशासित किया जाए, लेकिन प्रश्न यह कि कैसे? आजकल छात्रों में पत्र-पत्रिका, अखबार, लेख, पुस्तक आदि पढ़ने के प्रति अरुचि पैदा हो गई है।
इससे उनके लिखने की आदत भी प्रभावित हुई है। छात्रों को चाहिए कि वे पुस्तकें पढ़ें अपनी रुचि के अनुसार लेख पढ़ें व लिखे भी। लाइब्रेरी जाएं और स्वयं वहां बैठकर जरूरी सामग्री एकत्र करें। प्रोजेक्ट बनाएं व रिसर्च करें। निश्चित रूप से स्क्रीन, टाइम घटेगा। छात्र स्वयं ही स्वयं से संकल्प करें कि वे एक नियमित व सीमित समय तक ही स्क्रीन का प्रयोग करेंगे।व्यायामशाला जाकर छात्र वहां शारीरिक सौष्ठव के आदि के व्यायाम करके समय का सदुपयोग कर सकते हैं। पार्क वगैरह में टहलें। इससे छात्रों में स्वस्थ शरीर के साथ-साथ स्वस्थ मन मस्तिष्क का भी विकास होगा