हाईकोर्ट ने बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अल्मोड़ा में बिना सरकार और पीसीबी की अनुमति के बनाए जा रहे होटलों, रिजार्ट व रेस्टोरेंटों के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद याचिकाकर्ता के संशोधित प्रार्थना पत्र पर विपक्षियों को दो सप्ताह में आपत्ति दाखिल करने के निर्देश देते हुए मामले की अगली सुनवाई के लिए 28 अप्रैल की तिथि नियत की।कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा एवं न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार कोटद्वार निवासी गिरी गौरव नैथानी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि कुछ लोगों ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिलकर प्रतिबंधित क्षेत्र बिनसर वन्यजीव अभयारण्य अल्मोड़ा में अतिक्रमण कर होटल, रिसार्ट व रेस्टोरेंट बना दिए हैं जबकि कुछ बन रहे हैं। याचिकाकर्ता ने इस पर रोक लगाने की मांग की थी। पूर्व में कोर्ट ने याचिकाकर्ता से इनकी सूची कोर्ट में देने को कहा था लेकिन याचिकाकर्ता की ओर से इनकी जानकारी नहीं देने पर कोर्ट ने सरकार से इनकी लिस्ट पेश करने को कहा था।इस प्रकरण में इसी क्षेत्र में कार्य कर रहे स्पेयर हेड एडवेंचर के मालिक जॉर्डन मिश्रा ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर उन्हें स्पेयर हेड की मरम्मत करने की अनुमति देने की मांग की थी। इसमें कहा था कि यह एक ऐतिहासिक धरोहर है जो 19वीं शताब्दी में निर्मित है। यह भवन संरक्षित भवनों की श्रेणी में आता है लिहाजा इसकी मरम्मत की अनुमति दी जाए।