रुद्रप्रयाग: केदारनाथ के रक्षक के रूप में पूजे जाने वाले भगवान भैरवनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोच्चारण एवं विधि-विधान के साथ शीतकाल के लिए बंद कर दिए है। केदारनाथ के कपाट बंद होने से पहले मंगलवार व शनिवार को कपाट बंद होने की परम्परा है। इस अवसर पर भैरवनाथ के पश्वा ने अवरित होकर भक्तों को आशीर्वाद दिया। केदारनाथ के कपाट खुलने के बाद एवं कपाट बंद होने से पहले जो भी पहला मंगलवार व शनिवार आता है, उसी दिन भैरवनाथ के कपाट खोले व बंद करने की परम्परा सदियों से चली आ रही है। यहां पर बनाई गई पूरी, हलवा व पकोडी को भक्तों ने प्रसाद के रूप में ग्रहण किया।