श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर एवं वरिष्ठ भाजपा नेता यतींद्रानन्द गिरि ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर सीमा पर यात्रियों को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। यतींद्रानन्द गिरि का कहना है कि कोरोना जांच के नाम पर यात्रियों को केवल तंग किया जा रहा है जिस कारण यात्रियों ने हरिद्वार और ऋषिकेश की ओर आना कम कर दिया है। महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने चिंता प्रकट की है कि जिस प्रकार करोना गाइडलाइन की अनावश्यक शक्ति जो बॉर्डर पर निरंतर की जा रही है। उसके कारण हरिद्वार-ऋषिकेश आने वाले तीर्थयात्री अब पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश के मथुरा वृंदावन की ओर जाने लगे हैं, क्योंकि बॉर्डर पर उनके साथ बड़ी शक्ति की जा रही है। यहां तक की जो शोक संतप्त दुखी परिवार हैं और अपने परिजनों की अस्थि विसर्जन के लिए परंपरागत रूप से हरिद्वार आते हैं उनको भी घंटों बॉर्डर पर इंतजार करना पड़ता है। बड़ी मुश्किल से उनको अनुमति मिलती है बहुत से लोगों को वापस जाना पड़ता है। मजबूरी में दिल्ली हरियाणा आदि के अधिकांश लोग हरिद्वार की अपेक्षा अब उत्तर प्रदेश के बृजघाट जाकर गंगा में अस्थि विसर्जन करना ज्यादा उचित समझते हैं। महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि का कहना है कि उत्तराखंड शासन की अनावश्यक शक्ति के कारण हरिद्वार और ऋषिकेश का व्यवसाय तथा यहां नित्य प्रति जो आश्रमों में धार्मिक यज्ञ कथा आदि के कारण रौनक रहती थी वह बुरी तरह से प्रभावित हो रही है। आश्रम सूने पड़े हैं तथा भविष्य में हरिद्वार और ऋषिकेश का महत्व भी प्रभावित हो सकता है। इस चिंता को व्यक्त करते हुए महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने मुख्यमंत्री उत्तराखंड को पत्र लिखकर हरिद्वार ऋषिकेश तक यात्रा को सुगम किए जाने की मांग की है।