डीएम डॉ. बिष्ट ने सरकारी प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में उपलब्ध बुनियादी सुविधाओं की जानकारी ली। कहा कि छूटे हुए विद्यालयों में तत्काल पानी और बिजली के कनेक्शन दिए जाएं। उन्होंने जिले की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों और आवश्यकताओं को ध्यान में रख विद्यालयों की सुगम व दुर्गम श्रेणी का नए सिरे से सही निर्धारण करने की बात कही। जिससे दुर्गम क्षेत्र में पर्याप्त संख्या में अध्यापकों की तैनाती सुनिश्चित करने के साथ ही दुर्गम में कार्यरत शिक्षकों को सुगम में स्थानांतरण का उपयुक्त अवसर मिल सके। जिलाधिकारी ने कहा कि कोई भी विद्यालय अध्यापक विहीन न रहे और अटैचमैंट की व्यवस्था को पूरी तरह से समाप्त किया जाय। बैठक में कलस्टर उत्कृष्ट विद्यालयों के गठन के प्रस्तावों पर भी चर्चा हुई। जिलाधिकारी ने कहा कि इन प्रस्तावों का दोबारा परीक्षण कर ऐसे स्थानों पर उत्कृष्ट विद्यालयों का गठन प्रस्तावित करें जहां पर छात्रों की सुगमता और सुविधा के साथ ही इन विद्यालयों के विस्तार की पर्याप्त संभावना मौजूद हो और वहां पर अधिकाधिक छात्र उपलब्ध हो सकें। बैठक में सीडीओ एसएल सेमवाल, एसडीएम डुंडा देवानंद शर्मा, एसडीएम भटवाड़ी मुकेश चंद रमोला, बृजेश तिवारी, नवाजिश खलीक, मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. बीएस रावत, अधीक्षण अभियंता लोनिवि हरीश पांगती, सीईओ अमित कोठियाल आदि मौजूद मौजूद रहे।