बागेश्वर : कौसानी, गरुड़, मैगड़ीस्टेट की तर्ज पर कपकोट में भी चाय बागान स्थापित करने की मांग मुखर होने लगी है। कपकोट के ब्लॉक प्रमुख ने जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर यहां बागाना स्थापित करने की मांग की। साथ ही क्षेत्र का भ्रमण कर किसानों के साथ चर्चा करने की अपील की। उन्होंने कहा कि यहां चाय उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। डीएम को सौंपे ज्ञापन में दानू ने कहा कि क्षेत्र में बजट आवंटन करने से पहले संवाद कार्यक्रम करने का सुझाव दिया। गांव में बंजर भूमि और वन पंचायतों में चाय के बागान लागाए जाएं। इससे जहां रोजगार बढ़ेगा वहीं वनाग्नि की घटनाएं भी कम होंगी। बहारी इन्वेस्टर्स चाय की खेती के लिए तैयार हैं। स्थानीय ग्रामीणों का 60 व इनवेस्टर का 40 प्रतिशत का अनुबंध बन जाएगा। कपकोट के वन विभाग की तीनों रैन्ज ग्लेशियर , कपकोट , धरमघर हेतु ड्रोन कैमरे की की मांग की। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग प्राकृतिक तौर पर कम तथा मानवीय तौर पर ज्यादा लगती है। इसके अलावा अधिकतर पर्यटक चमोली से आकर विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर, सुंदरढूंगा, हीरामणी, ग्लेशियर होते हुए मुन्स्यारी निकल जाते हैं, लेकिन जिला प्रशासन को कोई सूचना नहीं रहती है। जब कोई अप्रिय घटना घटती है तभी सूचना मिल पाती है। वन्य तस्करों की रोकथाम, आदमख़ोर हिंसक जानवरो से सुरक्षा, इसकी रोकथाम के लिए ड्रोन कैमरे कारगर होंगे। प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सोलर फिनिसिंग, सोलर हुटर लाईट, पालीहाउसों में कीट पतंगों से सुरक्षा बी क्रुमुला ट्रैप, हवाई फायर बंदूक दि के बजट की मांग की।