Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 10 Jan 2023 6:30 am IST


सर्वार्थ सिद्धयोग में आज रखा जाएगा सकट चौथ व्रत, जानें पूजन विधि, शुभ मुहूर्त, महत्व और चंद्रोदय का समय


मंगलवार, 10 जनवरी यानी आज सकट चौथ है। हिंदू धर्म में सकट चौथ व्रत का विशेष महत्व होता है। सकट चौथ व्रत भगवान गणेश को समर्पित होता है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह व्रत हर वर्ष माघ महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार साल के पहले महीने यानी जनवरी में यह त्योहार मनाया जाता है। सकट चौथ व्रत को कई अन्य नामों से भी जाना जाता है। सकट चौथ को तिलकुटा चौथ, तिल चौथ, माघी चौथ, संकष्टी चतुर्थी, लंबोदर चतुर्थी के नाम से जाना जाता है। सकट चौथ का व्रत महिलाएं अपने परिवार की सुख-समृद्धि और सपन्नता के लिए गणेश चतुर्थी का व्रत रखती है। हिंदू पंचांग के अनुसार एक वर्ष में कुल 24 चतुर्थियां होती है। महीने में दो चतुर्थी तिथि आती है जिसमें एक कृष्ण पक्ष और दूसरी शुक्ल पक्ष आती है। सालभर में आने वाली सभी चतुर्थी तिथि में माघ कृष्ण पक्ष की सकट चौथ का विशेष स्थान होता है। इस बार सकट चौथ पर सर्वार्थ सिद्धयोग भी बन रहा है।

सकट चौथ शुभ मुहूर्त 
सकट चौथ तिथि: 10 जनवरी, मंगलवार। 
चतुर्थी तिथि का आरंभ: 10 जनवरी को दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से। 
चतुर्थी तिथि की समाप्ति: 11 जनवरी को दोपहर 02 बजकर 35 मिनट पर। 
चंद्रोदय का समय: रात 08 बजकर 41 मिनट पर।  

सकट चौथ का महत्व
चतुर्थी तिथि भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन व्रत और पूजा-पाठ से भगवान गणेश जीवन में सभी तरह बाधाएं को दूर करते हैं। माघ महीने की सकट चौथ व्रत मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा संतान की लंबी आयु की कामना के लिए किया जाता है। ऐसी मान्यता है इस दिन व्रत रखने से सभी तरह के संकट खत्म हो जाते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। ऐसे मान्यता है भगवान गणेश ने माता पार्वती और भगवान शिव की परिक्रमा सकट चौथ के ही दिन की थी जिस कारण से इस व्रत का विशेष महत्व होता है।

सकट चौथ पूजा नियम
- सकट चौथ के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद सूर्यदेव को अर्घ्य देते हुए व्रत का सकंल्प लें।
- जो महिलाएं सकट चौथ व्रत रखती हैं वे इस दिन निर्जला उपवास रखें।
- सकट चौथ व्रत में भगवान गणेश की पूजा करने के बाद चंद्रमा के दर्शन करें और उन्हें अर्घ्य देने के बाद ही व्रत का पारण करें।
- सकट चौथ में भगवान गणेश को दूर्वा घास, तिल के लड्डू, घी और गुड अर्पित करें।
- संतान की लंबी आयु और जीवन को सुखमय बनाने के लिए इस दिन गणेश चालीसा का पाठ अवश्य करें।
- सकट चौथ पर दो सुपारी और दो इलायची श्रीगणेश के सामने रखें।

सेहत के लिए फायदेमंद है ये व्रत
माघ महीने की तिलकुट चतुर्थी पर व्रत करने की परंपरा अच्छी सेहत को ध्यान में रखते हुए बनाई गई है। माघ महीने की शुरुआत होते ही मौसम में बदलाव होने लगते हैं। इस चतुर्थी तिथि पर व्रत करने और तिल के इस्तेमाल से शरीर में जरूरी पौष्टिक चीजों की कमी दूर हो जाती है। साथ ही इससे डाइजेशन सिस्टम इंप्रूव होने में मदद मिलती है।

पद्म पुराण: गणेशजी को मिला वरदान
पद्म पुराण के मुताबिक इस तिथि पर कार्तिकेय के साथ पृथ्वी की परिक्रमा लगाने की प्रतिस्पर्धा में भगवान गणेश ने पृथ्वी की बजाय भगवान शिव-पार्वती की सात बार परिक्रमा की थी। तब शिवजी ने प्रसन्न होकर देवताओं में प्रमुख मानते हुए उनको प्रथम पूजा का अधिकार दिया था।

दूर होते हैं ग्रह दोष
सकट चौथ पर भगवान गणेश की पूजा करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव कम होता है। गणेश जी की पूजा से बुध, राहु और केतु से होने वाले कुंडली के दोष दूर होते हैं। गणेश जी को बुद्धि और ज्ञान के देवता माना गया है। इसलिए इस दिन गणेशजी की पूजा और व्रत करने से संतान की शिक्षा में आ रही रूकावटें दूर होती हैं। साथ ही सेहत अच्छी रहती है और समृद्धि भी बढ़ती है।