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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 14 Nov 2022 11:53 am IST


16 नवंबर को मनाई जाएगी भैरव अष्टमी


मार्गशीष माह के कृष्ण पक्ष  की अष्टमी के दिन काल भैरव की जयंती मनाई जाती है. इस दिन को भैरव अष्टमी के नाम से भी जाना जाता है. भैरव अष्टमी2022 बुधवार को मनाई जाएगी. काल भैरव भगवान शिव का एक रौद्र रूप माना गया है. बाबा भैरव को शिव जी का अंश माना जाता है. कहा जाता है कि भगवान शिव के पांचवें अवतार भगवान भैरव बाबा हैं.हिंदू देवताओं में भगवान भैरव का बहुत ही महत्व है. इन्हें काशी का कोतवाल भी कहा जाता है. भैरव का अर्थ होता है भय का हरण कर जगत का भरण करने वाला. कहा जाता है कि भैरव शब्द के तीन अक्षरों में ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों की शक्ति समाहित हैं. भैरव शिव के गण और पार्वती के अनुचर माने जाते हैं. ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी  के मुताबिक सनातन परंपरा में भगवान भैरव की साधना जीवन से जुड़ी सभी परेशानियों से उबारने और शत्रु-बाधा आदि से मुक्त करने वाली मानी गई है.