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DevBhoomi Insider Desk
• Thu, 20 Apr 2023 10:44 am IST


सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की चल रहीं परीक्षाओं के दौरान जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) के छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. प्रश्न पत्रों में पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे जाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने परीक्षाएं छोड़ दी. मामले का संज्ञान लेते हुए कुलपति ने जांच कमेटी गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है. एसएसजेयू अल्मोड़ा में जीआईएस का कोर्स पिछले कुछ सालों से संचालित होता आ रहा है. इस कोर्स को करने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जिलों सहित देश के विभिन्न राज्यों से छात्र यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं और प्रवेश लेते हैं. वहीं दूसरी ओर जीआईएस विभाग में अध्यापकों का समन्वय नहीं होने से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे विवि की छवि पर भी खराब असर पड़ रहा है.दरअसल परीक्षाओं से पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम को पूरा नहीं किए जाने की बात छात्रों के द्वारा कही गई है. वहीं कहा गया कि कक्षा में प्रश्नों को प्राध्यापकों से पूछे जाने पर प्राध्यापकों ने कहा कि ये प्रश्न परीक्षा में नहीं आएंगे. लेकिन जब परीक्षा में प्रश्न पत्र दिया गया तो वही प्रश्न पूछे गए. इसके अलावा पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे गए. जिसके बाद छात्रों ने बाकी सभी प्रश्न पत्रों का बहिष्कार कर परीक्षाएं नहीं दी.


सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय अल्मोड़ा की चल रहीं परीक्षाओं के दौरान जीआईएस (भौगोलिक सूचना प्रणाली) के छात्रों ने परीक्षा का बहिष्कार कर दिया. प्रश्न पत्रों में पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे जाने का आरोप लगाते हुए छात्रों ने परीक्षाएं छोड़ दी. मामले का संज्ञान लेते हुए कुलपति ने जांच कमेटी गठित कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की बात कही है.

एसएसजेयू अल्मोड़ा में जीआईएस का कोर्स पिछले कुछ सालों से संचालित होता आ रहा है. इस कोर्स को करने के लिए उत्तराखंड के विभिन्न जिलों सहित देश के विभिन्न राज्यों से छात्र यहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचते हैं और प्रवेश लेते हैं. वहीं दूसरी ओर जीआईएस विभाग में अध्यापकों का समन्वय नहीं होने से छात्रों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. इससे विवि की छवि पर भी खराब असर पड़ रहा है.दरअसल परीक्षाओं से पूर्व निर्धारित पाठ्यक्रम को पूरा नहीं किए जाने की बात छात्रों के द्वारा कही गई है. वहीं कहा गया कि कक्षा में प्रश्नों को प्राध्यापकों से पूछे जाने पर प्राध्यापकों ने कहा कि ये प्रश्न परीक्षा में नहीं आएंगे. लेकिन जब परीक्षा में प्रश्न पत्र दिया गया तो वही प्रश्न पूछे गए. इसके अलावा पाठ्यक्रम से बाहर के प्रश्न पूछे गए. जिसके बाद छात्रों ने बाकी सभी प्रश्न पत्रों का बहिष्कार कर परीक्षाएं नहीं दी.