रविवार की सुबह शिवसेना नेता संजय राउत के लिए बुरी खबर लाई। जानकारी के मुताबिक, सुबह-सुबह उनके आवास पर प्रवर्तन निदेशालय की टीम पहुंच गयी। संभव है कि, ईडी की टीम राउत को हिरासत में लेकर पूछताछ करे।
बता दें कि, राउत पर महाराष्ट्र के 1000 करोड़ से ज्यादा के पात्रा चॉल जमीन घोटाला मामले में सम्मिलित होने का आरोप है। जिसको लेकर ईडी की टीम संजय राउत से पूछताछ कर रही है। और 27 जुलाई को ईडी ने तलब किया था। हालांकि, वह अधिकारियों के सामने पेश नहीं हुए थे। इसके बाद ईडी के अधिकारी उनके घर पहुंच गए।
दरअसल, यह मामला मुंबई के गोरेगांव इलाके में बना पात्रा चॉल महाराष्ट्र हाउसिंग एंड एरिया डेवेलपमेंट अथॉरिटी की भूखंड पर बना है। इसमें करीब 1,034 करोड़ का घोटाला होने का आरोप है। इस केस में संजय राउत की 9 करोड़ रुपये और राउत की पत्नी वर्षा की 2 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त हो चुकी है। आरोप है कि, रीयल एस्टेट कारोबारी प्रवीण राउत ने पात्रा चॉल में रह रहे लोगों से धोखा किया है।
एक कंस्ट्रक्शन कंपनी को इस भूखंड पर 3000 फ्लैट बनाने का काम मिला था। इनमें से 672 फ्लैट पहले से यहां रहने वालों को देने थे। शेष एमएचएडीए और उक्त कंपनी को दिए जाने थे। लेकिन साल 2011 में इस जमीन के बड़े से हिस्से को दूसरे बिल्डरों को बेच दिया गया था। और 2020 में महाराष्ट्र में सामने आए पीएमसी बैंक घोटाले की जांच के दौरान प्रवीण राउत की कंस्ट्रक्शन कंपनी का नाम सामने आया था। तब पता चला कि, बिल्डर राउत की पत्नी के बैंक खाते से संजय राउत की पत्नी वर्षा राउत को 55 लाख रुपये का कर्ज दिया गया था। आरोप है कि संजय राउत ने इसी पैसों से दादर में एक फ्लैट खरीदा था। प्रवीण राउत गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के पूर्व निदेशक हैं।