नई दिल्ली: हिंदू धर्म में धनतेरस के दिन गहने, बर्तन आदि रूप में कोई धातु खरीदना एक परंपरा है। इसी कारण बाजार और व्यापार में जो उछाल आता है, उसका अंदाजा कोई नहीं लगा पाता। वर्ष 2022 में ये त्योहार भारत में दो दिन 22 और 23 अक्टूबर को मनाया गया। इन दो दिनों में 45 हजार करोड़ रुपये का व्यापार किया गया। केवल गहनों की बात करें तो भारत में 25 हजार करोड़ रुपये का व्यापारा हुआ है और बाकी के 20 हजार करोड़ रुपये का बिजनेस ऑटोमोबाइल, फर्नीचर, कंप्यूटर, साज-सजावट, बर्तन, मिठाई, इलेक्ट्रिक सामान आदि के माध्यम से हुआ।
कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) के राष्ट्रीय
अध्यक्ष बीसी भरतिया के मुताबिक, धनतेरस त्योहार दो दिन होने के कारण देश में सोने और चांदी के सिक्कों, प्रतिमाओं, नोटों और बर्तनों के
साथ-साथ सोने और चांदी की भारी बिक्री हुई। इससे करीब 25 हजार करोड़ रुपये
का कारोबार हुआ। CAIT का अनुमान है कि
इस दिवाली व्यापार 1,
50,000 करोड़ रुपये से अधिक का होने वाला है। सबसे अच्छी बात ये है कि अब लोग भारतीय
बाजारों में सामान की खरीद के लिए भारतीय उत्पादों को ही पसंद कर रहे हैं। इस वर्ष
दिवाली से संबंधित सामान में चीन को 75 हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान होगा।