Read in App

DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 26 Jul 2022 3:58 pm IST


थारुओं के स्वाभिमान को ठेस पहुंचाने वाली पुस्तक पर लगे प्रतिबंध


 एक पुस्तक में थारु समाज के खिलाफ टिप्पणी का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को बारह राणा स्मारक समिति, थारु राणा युवा मंच, चेतक विचार मंच और थारु जनजाति विकास समिति के बैनर तले सितारगंज व नानकमत्ता विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों से बड़ी संख्या में लोग कृषि उत्पादन मंडी समिति में एकत्र हुए और सभा कर नाराजगी व्यक्त की। बाद में गुस्साए लोगों ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया और मुख्य चौराहे पर इतिहासकार की पुस्तक की प्रतियां फूंकीं।

बारह राणा स्मारक समिति के अध्यक्ष श्रीपाल राणा ने कहा कि थारु समाज स्वाभिमानी है और इतिहासकार ने उनके स्वाभिमान को ठेस पहुंचाई है। इससे समाज बेहद आहत है। समाज के लोगों ने एक स्वर में शासन प्रशासन से पुस्तक पर प्रतिबंध लगाने और इतिहासकार पर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की।

नानकमत्ता विधायक गोपाल सिंह राणा ने कहा कि थारु समाज महाराणा प्रताप के वंशज हैं। इतिहासकार की लिखी किताब में अपमानजनक टिप्पणी को कतई बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। भाजपा जनजाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राकेश राणा ने आरोप लगाया कि बदनीयती से उनका इतिहास बदलने की साजिश की गई है। इसके बाद सभी लोग जुलूस की शक्ल में अमरिया चौराहा होते हुए मुख्य चौराहा पहुंचे और पुस्तक की प्रतियां जलाकर और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।