देशभर के तीर्थयात्रियों को ट्रेन से चार धाम की यात्रा कराने का सपना जल्द साकार होता नहीं दिख रहा है। रेल लाइन के सर्वे कार्य के लिए केंद्र सरकार से 120 करोड़ रुपये मिले थे। सर्वे में करीब चार वर्ष का समय लग चुका है। 125 किमी लंबी इस रेल लाइन को बिछाने का कार्य 2024 तक पूरा करने की बात कही जा रही थी लेकिन अभी तक परियोजना के निर्माण को भारत सरकार से स्वीकृति नहीं मिली है।
चारधाम रेल मार्ग यात्रा का अंतिम सर्वेक्षण पूरा हो गया है। रेललाइन का निर्माण डोईवाला से बड़कोट, कर्णप्रयाग से सैकोट सोनप्रयाग और सैकोट से जोशीमठ तक निर्माण किया जाएगा। हेमंत गोनिया को आरटीआई के तहत रेलवे लाइन निर्माण की मिली जानकारी में स्पष्ट है कि सर्वे के लिए भारत सरकार से 120 करोड़ रुपये स्वीकृत हुए हैं। 2018 में शुरू हुए रेललाइन के सर्वे को बीते वर्ष 31 दिसंबर में पूरा होना था। सूचना के अधिकार अधिनियम में तहत मांगी गई जानकारी में कहा गया है कि भारत सरकार से स्वीकृति मिलने के बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।