रुद्रप्रयाग : केदारनाथ मंदिर की सुरक्षा सिर्फ 12 पुलिस व पीएसी जवानों के भरोसे है। कपाट बंद होने के बाद से ये जवान दो-दो शिफ्ट में 12-12 घंटे ड्यूटी दे रहे हैं। लेकिन शासन, प्रशासन द्वारा केदारनाथ के स्वर्णमंडित गर्भगृह व मंदिर सहित वहां चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों की सुरक्षा का कोई खाका नहीं बनाया है। इस बार अभी तक आईटीबीपी भी धाम में तैनात नहीं हो पाई है।बीकेटीसी के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बीते वर्ष शीतकाल में मंदिर की सुरक्षा को लेकर शासन को पत्र लिखकर केदारनाथ में आईटीबीपी की तैनाती के लिए कहा था। तब, जनवरी से अप्रैल तक आईटीबीपी की एक प्लाटून तैनात की गई थी। लेकिन इस वर्ष केदारनाथ के कपाट बंद होने के दस दिन बाद भी शासनस्तर पर आईटीबीपी की तैनाती को लेकर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।केदारनाथ के वरिष्ठ तीर्थपुरोहित श्रीनिवास पोस्ती का कहना है कि केदारनाथ मंदिर व केदारपुरी की सुरक्षा में कोई चूक नहीं होनी चाहिए। सरकार को वहां पुलिस के साथ आईटीबीपी या सेना की टुकड़ी जल्द तैनात करनी चाहिए। धाम में पुनर्निर्माण के दूसरे चरण के कार्य दिसंबर में पूरे करने का लक्ष्य रखा गया है। इन दिनों धाम में डीडीएमए सहित कई कार्यदायी संस्थाओं के 350 से अधिक मजदूर काम कर रहे हैं।