रानीखेत (अल्मोड़ा)। धूराफाट क्षेत्र की पेयजल समस्या दूर होने का नाम नहीं ले रही है। आपदा के बाद से ही यहां नियमित रूप से पानी नहीं आ रहा है। जिस कारण किसान विकास संघर्ष समिति के पदाधिकारियों में भारी आक्रोश है। उनका कहना है कि रिची-थापल पेयजल योजना को काफी नुकसान पहुंचा था, लेकिन इसके बाद से ही तमाम गांवों में पानी की दिक्कत बनी हुई है।
संघर्ष समिति के अध्यक्ष पूरन चंद्र पांडेय ने बताया कि धूराफाट के मुसोली, बयेड़ी, हिड़ाम, बलियाली सहित तमाम गांवों में पानी नहीं आ रहा है। जिस कारण भारी परेशानी हो रही है। ठंड में भी ग्रामीणों को दूर दराज के स्रोतों से बमुश्किल पानी की जुगत करनी पड़ रही है। छोटे छोटे बच्चे तक पानी जुटाने में लगे हुए हैं। रिची-थापल योजना का संचालन रामनगर जल निगम के माध्यम से होता है। कई बार सूचना दे दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। उन्होंने कहा कि परेशान ग्रामीणों को लेकर अब आंदोलन शुरू किया जाएगा। उन्होंने साफ चेतावनी दी है कि पानी की नियमित आपूर्ति नहीं होती है तो तीन दिसंबर से पुन: धूराफाट क्षेत्र में वृहद आंदोलन होगा। बता दें कि पानी के लिए इस क्षेत्र में हर साल आंदोलन होते हैं। इसके बाद कुछ समय तक पानी का संचालन होता है, फिर वही दिक्कत आड़े आ जाती है। पूरन पांडे ने कहा कि योजना के पुनर्गठन की सख्त जरूरत है।