केंद्र सरकार ने चीन के साथ सीमा विवाद के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग को लेकर संसद में जमकर हंगामा किया था, जिससे चर्चा नहीं हो सकी।
वहीं अब इस व्यवधान को लेकर विपक्ष पर पलटवार किया है। संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी ने नाराजगी जाहिर करते कहा कि, विपक्ष का विरोध दुर्भाग्यपूर्ण है। ऐसे ही जुलाई 2013 में मुरली मनोहर जोशी और 10 अन्य सांसदों ने चीन के साथ सीमा विवाद पर चर्चा कराने का प्रस्ताव किया था।
जनवरी 2014 में भी ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के जरिए चीन से लगी सीमा पर अतिक्रमण को लेकर चर्चा कराने की मांग की थी, लेकिन उस समय के यूपीए सरकार ने कहा था कि, यह संवेदनशील मसला है। अब रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री भी सदन में विस्तृत बयान दे चुके हैं। सेना भी बयान दे चुकी है, उस पर तो विश्वास करना चाहिए।
गौरतलब है कि, दोनों सदनों में तवांग में भारत-चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के मुद्दे पर जमकर हंगामा हुआ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस पर बयान भी दिया, लेकिन विपक्ष चर्चा के लिए अड़ा रहा।