यूरोपीय संघ समेत कई देशों ने बच्चों की सुरक्षा को खतरे में डालने को लेकर हजारों करोड़ रुपये के जुर्माना क्या लगाया फेसबुक की मालिकाना कंपनी मेटा की आंखे खुल गयी।
दरअसल, मेटा ने अब कुछ नये कदम उठाए हैं। इनके तहत 16 साल से छोटे बच्चों के अकाउंट के लिए फेसबुक और इंस्टाग्राम पर नये प्राइवेसी फिल्टर और सेटिंग जारी हुईं है। सोशल मीडिया कंपनियों पर अपने वित्तीय फायदे के लिए बच्चों का निजी डाटा चुराने, स्टोर करने और उनकी पहचान और सुरक्षा खतरे में डालने के आरोप कई बार लगे हैं। मेटा के मुताबिक, बच्चों के अकाउंट, फ्रेंड लिस्ट, उनकी तरफ से फॉलो किए लोगों और पेज आदि को कौन देख सकता है, यह अब नये फिल्टर से तय हो सकेगा।
इतना ही नहीं बच्चों को टैग करके की गई पोस्ट भी बिना इजाजत नहीं देखी जा सकेगी। संदिग्ध लोगों के अकाउंट बच्चों को अपने प्रोफाइल के 'शायद आप इन्हें जानते हों' सेक्शन में नजर नहीं आएंगे, ताकि उन्हें बच्चों से जुड़ने से रोक सकें। संदिग्ध अकाउंट उन्हें माना गया, जिन्हें हाल समय में किसी अन्य कम उम्र यूजर्स ने रिपोर्ट किया हो।
गौरतलब है कि, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर 16 साल से कम उम्र के बच्चों के अकाउंट बनाए जा रहे हैं, कुछ देशों में यह सीमा 18 साल है। इनसे बच्चों की तस्वीरें, वीडियो आदि लीक होने का खतरा बना रहता है। जिनका चाइल्ड पोर्न सामग्री में उपयोग होता पाया गया है।