DevBhoomi Insider Desk • Mon, 20 Dec 2021 7:30 am IST
शिकायतें समेटने तक सीमित उत्तराखंड का बाल आयोग
उत्तराखंड बाल अधिकार संरक्षण आयोग अब सिर्फ शिकायतें समेटने तक ही सीमित रह गया है। कारण, बीते 17 महीने में छह में से एक भी सदस्य की नियुक्ति नहीं हुई और न ही छह महीने से अधिक समय में किसी को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली। ऐसे में कई बड़े मामलों की सुनवाई नहीं हो पा रही है और न ही किसी मामले की मौके पर जाकर जांच हो रही है। इसके साथ ही बाल आयोग के बच्चों के संरक्षण को लेकर चलाए जा रहे अभियान भी फिलहाल ठप हैं।