बिहार में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के लिए 2020-21 का बजट अनुमान बिना कोई योजना बनाए ही तैयार कर लिया गया था। नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट में ये दावा किया गया है।
कैग ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि, बिहार का बजट पूरी तरह अवास्तविक और गलतियों से भरा था। कैग ने बिहार विधानसभा में कहा कि, राष्ट्रीय गुणवत्ता निगरानी ने पाया कि 2020-21 तक इन पांच सालों में 1,029 सड़कें और पुल परियोजनाएं असंतोषजनक श्रेणी में थीं। ‘‘कुल प्रावधान और आवंटन के बीच बड़ा अंतर इस बात की ओर इशारा करता है कि, बिहार में पीएमजीएसवाई के लिए बजट अनुमान बिना किसी उचित योजना के तैयार किया गया था।
कैग ने पाया कि पीएमजीएसवाई में व्यय और बिहार सरकार के विस्तृत विनियोग खातों में दर्ज व्यय में 1,885.18 करोड़ रुपये का भारी अंतर था।’’ कैग ने कहा कि, बिहार ग्रामीण विकास एजेंसी और बिहार सरकार के विस्तृत विनियोग खातों के बीच पूंजीगत व्यय में 1,579.58 करोड़ रुपये और राजस्व व्यय में 3,183.63 करोड़ रुपये का अंतर था।
कैग ने पाया कि, 2006-07 और 2021-22 के बीच पूरी हुई 278 पीएमजीएसवाई परियोजनाओं और 11,938 मुख्यमंत्री ग्राम संपर्क योजना परियोजनाओं के लिए क्रमशः 83.44 करोड़ रुपये और 1,561.52 करोड़ रुपये का भुगतान ठेकेदारों को नहीं किया गया। जबकि विभाग के पास पर्याप्त धन उपलब्ध था और काम पूरा हो गया था।