वार्षिक बंदी के दौरान पांच और छह अक्तूबर की मध्य रात्रि को बंद की गई ऊपरी खंड गंगनहर को रविवार शाम को खोल दिया गया। दिवाली पर हरकी पैड़ी पर जल आने से श्रद्धालु खुश हैं। वार्षिक बंदी के दौरान गंगनहर में सफाई और मरम्मत के कार्य पूर्ण किए गए। प्रत्येक वर्ष उत्तर प्रदेश सिंचाई विभाग गंगनहर को दशहरे के दिन बंद करता हैं। इस दौरान नहर में रंग रोगन, पुलों की मरम्मत, सिल्ट की सफाई, सिंचाई के लिए बने नालों की मरम्मत आदि कार्य किए जाते हैं।
गंगनहर को मायापुर बैराज से बंद किया जाता है। गंगनहर बंद होने के बाद हरकी पैड़ी पर श्रद्धालुओं के लिए गंगा जल कम रहता है। अब गंगनहर दोबारा खोले जाने के बाद हरकी पैड़ी और आसपास के क्षेत्र में जल की मात्रा बढ़ गई। गंगा पूजन, गंगा स्नान, अनुष्ठान, तर्पण, विसर्जन, कर्मकांड आदि कार्यों के लिए हरिद्वार पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए हरकी पैड़ी पर जल उपलब्ध रहा।