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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 14 Nov 2022 6:33 pm IST


दादाजी की मौत


ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन

ओफ ओह! इस घर में जरा भी चैन नहीं है. ये कौन मरा जा रहा है सुबह से बात करने को. दुनियां जहान में किसी को काम नहीं है और यहाँ जहर खाने की फुर्सत नहीं है.

हेलो, हेलो, कौन? हाँ, बोल. क्या SSS. दादाजी फिर सीरियस हो गए? इस बुड्ढे को सीरियस होने के अलावा और कोई काम नहीं है. घर में रहेगा तो चिक-चिक करेगा, कलह घोलेगा, और अस्पताल में रहेगा तो घर की पूँजी लुटवाएगा. अभी पिछले महीने तो पचास हज़ार का बिल बनवाकर अस्पताल से लौटा था. इतनी मुश्किल से बच्चों का पेट काटकर बरसों की जमापूंजी खरच की थी अब फिर चल दिया अस्पताल. हमें तो ये बिलकुल बर्बाद करके छोड़ेगा. हेलो, हेलो, हाँ, क्या बोल रहा है? जमीन का टुकड़ा बेचकर इलाज करवा दो. उसने तो जबान हिला दी. परिवार के लिए कुछ छोड़ेगा कि सबको भूखा नंगा करके जाएगा. एक टुकड़ा तो पहले ही बिकवा चुका है.

हेलो, हेलो, हाँ, दादी तो कहेगी ही. जिंदगी भर दोनों की पटी नहीं. एक दूसरे की शकल से नफरत थी और अब अपने सुहाग की दुहाई दे रही है. दोनों ने अपनी जिंदगी जी ली अब छाती पर और कितने दिन मूंग दलेंगे. अब तो भगवान् बुला ले तो घर में शांति हो. मैं फोन रख रही हूँ. आइंदा कभी इस बारे में मुझे या अपने भैया को फोन मत करना. बिलावजह हमारा खून जलता है.

खट्ट SSSS

ट्रिन ट्रिन ट्रिन ट्रिन

हेलो, हाँ बोल. अरे क्या बोल रहा है? दादाजी नहीं रहे? हे भगवान् ये क्या हो गया.  मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा. पिछली बार जब मैं मिली थी तो बिलकुल भले चंगे थे. ये अचानक क्या हो गया. घर से तो एक बुजुर्ग का साया उठ गया. वो ही तो थे जो सारे परिवार को एक धागे में बांधकर रखे थे. तूने तो ऐसा समाचार दे दिया कि मैं तो अंदर तक हिल गई. बीमार कभी हुए भी तो हमने इलाज में कोई कसर नहीं छोड़ी. डाक्टर एक बार मुंह से निकालते तो हम तो जमीन का एक टुकड़ा बेचकर भी उनका पूरा इलाज करवाते. पैसा तो हाथ का मेल है. पैसों के पीछे कोई घर के बजुर्गों को बेसहारा थोड़े ही छोड़ता है. अब बेचारी दादी का क्या हाल हो रहा होगा. दोनों का जिंदगी भर का साथ था. एक दूसरे का कितना ख़याल रखते थे. बुढ़ापे में उन्हें ये दुःख झेलना था.

हेलो, हाँ, तो संस्कार कब कर रहे हो? ठीक है मैं और ये अभी पहली गाड़ी पकड़कर निकल रहे हैं. देख लेना सारा इंतजाम ठीक से हो जाए. हे भगवान् तूने ये क्या कर दिया. थोड़े दिन और रह जाते तो मुन्ने की बारात में शामिल हो जाते. कितना अरमान था उन्हें अपने पोते की शादी देखने का. अब जैसी प्रभु की इच्छा. जितनी सांसें उसने भाग में लिखी थीं उतनी पूरी हो गईं.

हेलो, हाँ, तू भी पागलों वाली बात कर रहा है. इतनी जल्दी पैसों का इंतजाम कैसे होगा. हेलो, हाँ, इतना सब करने की जरूरत क्या है. हमारे परिवार पर तो इतना बड़ा दुःख आन पड़ा है और समाज को खाने की पड़ी है. अब ये ढकोसले हमें ही तो तोड़ने पड़ेंगे. कुछ भी करने की जरूरत नहीं है. ठीक है हम पहुँच रहे हैं मिल के आगे की बात करेंगे. खेत के बटवारे का हिसाब किताब भी तो देखना पड़ेगा. अब जैसा हो सब भाई मिल के तय कर लेना. बटवारा तो बराबरी से ही होगा. किसके पास कितने दिन रहे इसके हिसाब किताब जैसी टुच्ची बात करना ठीक नहीं. जहाँ रहे वहां उतने दिन उनका भाग भी तो साथ रहा.

हेलो, हाँ, सब भाई अब मिल ही रहे हैं तो वकील से मिलकर मामला तय करवा लेना. वो उनकी लाड़ली बिटिया को बीच में लाने की जरूरत नहीं है. दहेज़ में इतना लेकर गई है उसका कभी हमने हिसाब किया है. अच्छा खासा खाता पीता ससुराल है. उसे तो जरूरत भी नहीं है. अब जैसा ठीक समझो. यदि वह बीच में कोई फच्चर फंसती है तो मामले तो ठीक से निपटा देना. दादी से इस मामले में बात करने की जरूरत नहीं है. वो तो नन्हें और बेबी पर जरा ज्यादा ही मेहरबान रहती हैं. बटवारा एकदम फेयर होना चाहिए. हमारे आने तक किसी से कुछ पूछने की या बात करने की जरूरत नहीं है. हाँ, ठीक है हम पहुँच रहे हैं.

खट्ट SSS

हे भगवान्! दादाजी की आत्मा को शांति प्रदान कर. ऐसे परिवार में अब जो कुछ होने वाला है उसमें उनकी आत्मा को शांति की जरूरत जरूर महसूस होगी!!

सौजन्य से : नवभारत टाइम्स