रुपये पैसे की बात हो तो फैसले लेना आसान नहीं होता। हाल में वो घड़ी आई, जब लोगों को ज्यादा पेंशन का विकल्प चुनने का मौका दिया गया। इस मामले में जानकार लोगों के पास भी जानकारी का अभाव है, आम इंसान की क्या कहिए। सबसे पहले तो कई लोगों को यह पता ही नहीं है कि ईपीएफओ यानी एम्प्लॉयी प्रॉविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन का सब्सक्राइबर होने के नाते वे पेंशन के भी हकदार हो सकते हैं। अपने मेंबर्स को जागरूक करके ही ईपीएफओ को ज्यादा पेंशन का विकल्प देना चाहिए था। अब एक जटिल ऑनलाइन प्रक्रिया सामने है, जिसमें कुछ बेहद पेचीदा सवाल पूछे गए हैं। लोगों से एक ऐसे निवेश के बारे में फैसला लेने के लिए कहा जा रहा है, जिसकी पूरी तस्वीर साफ नहीं है। ईपीएफओ खुद तय नहीं कर पाया है कि ज्यादा पेंशन के लिए कितना योगदान किस तरह से लेना है और रिटर्न किस तरह से देना है। खबरें सामने आईं कि ट्रेड यूनियनों और पब्लिक सेक्टर से जुड़े प्रतिनिधियों ने ईपीएफओ से कई मुद्दों पर स्पष्टता मांगी है।
मुझे कई लोग मिले, जिन्होंने इस आधार पर इस विकल्प को चुनने से साफ इनकार कर दिया कि पेंशन स्कीम स्पष्ट नहीं है और उन्हें इस बाबत ठोस जानकारी नहीं मिल रही है। पर्सनल फाइनैंस के मामले में यह सतर्क रुख बहुत अच्छा माना जा सकता है। बार-बार यह बताया गया है कि कोई भी प्रॉडक्ट जो आपको समझ में न आता हो, उसमें निवेश से दूर रहें। कुछ लोग ऐसे भी हैं, जो इसमें दिलचस्पी दिखा रहे हैं, लेकिन उनका एक सीधा सवाल है कि मुझे इसमें फायदा होगा या नहीं। इसका कोई भी सीधा जवाब नहीं है। हर व्यक्ति की सैलरी, नौकरी की अवधि, जीने की उम्र अलग होगी। इन्हीं मसलों पर फायदा या नुकसान टिका है।
इससे आगे बढ़कर कुछ सवाल सामने आते हैं कि ज्यादा पेंशन के लिए मुझे कितने रुपये देने होंगे और मुझे इससे कितनी पेंशन मिलेगी। जो लोग रिटायरमेंट के करीब हैं, वे इस बात की गिनती आसानी से कर सकते हैं। इसके लिए नौकरी की शुरुआत से लेकर अब तक के सैलरी स्लिप, पीएफ के कागजात काम आ सकते हैं। हालांकि इन्हें सहेज कर रखने का काम कम ही हो पाता। रिटर्न में क्या मिलेगा, इसका फॉर्म्युला तो अब तक तय रहा है। लेकिन आगे भी यही फॉर्म्युला कायम रहेगा, इसे लेकर कोई दावा नहीं किया जा सकता है।
कई लोगों ने कैलकुलेटर के जरिये अनुमान लगा लिया है कि मोटे तौर पर कितनी रकम देनी पड़ सकती है। उन्हें भरोसा है कि सरकार कभी फेल नहीं होगी और बुढ़ापे में तयशुदा पेंशन की गारंटी होगी। इसी उम्मीद का नतीजा है कि पेंशन स्कीम पर अंधेरे में होने के बावजूद 12 लाख से ज्यादा लोगों ने इसके लिए अप्लाई कर दिया है। अभी 26 जून तक इस विकल्प को चुना जा सकता है। उम्मीद की जा रही है कि इससे पहले सभी मसलों पर स्पष्टता आ जाएगी।
सौजन्य से : नवभारत टाइम्स