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DevBhoomi Insider Desk
• Tue, 12 Jul 2022 1:17 pm IST

बिज़नेस

Work From Home: नीदरलैंड वर्क फ्रॉम होम को बना रहा कानूनी अधिकार, भारत और दूसरे देशों में क्या हैं नियम?


 कोरोना वायरस महामारी की महामारी ने दुनिया को नए कल्चर में ढलने को मजबूर कर दिया है। इसी संकट के बीच दुनियाभर की कंपनियों ने अपने कर्मचारियों ने वर्क फ्रॉम होम को अपनाया। इससे लॉकडॉउन के बीच कंपनियों के संचालन में काफी मदद मिली। अब जबकि महामारी का असर कम हो गया है, ज्यादातर कंपनियों ने वर्क फ्रॉम होम को खत्म करके पहले की तरह अपने ऑफिस खोलने शुरू कर दिए है। कुछ कंपनियों के दफ्तर पूरी तरह खुल चुके हैं तो कुछ मल्टीनेशनल कंपनियों के दफ्तर खुलने की प्रक्रिया में हैं। हालांकि इस बीच एक ऐसा देश भी है जो अपने यहां वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने की प्रक्रिया शुरू कर चुका है। उस देश का नाम है नीदरलैंड।



नीदरलैंड की संसद ने वर्क फ्रॉम होम को कानूनी अधिकार बनाने का फैसला लेने वाली है। पिछले हफ्ते संसद के निचले सदन ने इस जुड़ा हुआ एक प्रस्ताव पारित किया था। अब इस प्रस्ताव को देश के ऊपरी सदन यानी सीनेट की मंजूरी मिलने का इंतजार किया जा रहा है। नीदरलैंड में कोरोना महामारी के पहले भी वर्क फ्रॉम होम का कल्चर प्रचलन में था। यूरोस्टैट के आंकड़ों के मुताबिक, नीदरलैंड में कोरोना से पहले भी 14% लोग वर्क फ्रॉम होम कर रहे थे।


2020 में कोरोना की दस्तक के बाद इसमें रिकॉर्ड उछाल दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि नीदलैंड में फिलहाल जो कानून लागू है उसमें कपनियों को यह अधिकार है कि अगर वे चाहें तो वर्क फ्रॉम होम के कर्मचारियों की रिक्वेंस्ट को खारिज कर सकती हैं। पर, अगर नया कानून लागू हो गया तो कंपनियां ऐसा नहीं कर सकेंगी। उन्हें कर्मचारियों को बताना होगा कि वे वर्क फ्रॉम होम की डिमांड को क्या खारिज कर रही हैं।