सरकार उत्पादन आधारित प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं के तहत लाभ पाने की इच्छुक पात्र कंपनियों को करीब 13000 करोड़ रुपये का वितरण कर सकती है। एक शीर्ष अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि चालू वर्ष से पीएलआई के तहत वितरित की गई राशि और बड़ी होगी। उन्होंने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि मुझे लगता है कि इस साल करीब 13,000 करोड़ रुपये का वितरण किया जाएगा। सरकार ने योजना के तहत अब तक प्राप्त 3,400 करोड़ रुपये के दावों में से मार्च 2023 तक केवल 2,900 करोड़ रुपये का वितरण किया है।
इस योजना की घोषणा 2021 में 1.97 लाख करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ दूरसंचार, व्हाइट गुड्स, कपड़ा, चिकित्सा उपकरणों के निर्माण, ऑटोमोबाइल, विशेष स्टील, खाद्य उत्पाद, उच्च दक्षता वाले सौर पीवी मॉड्यूल, उन्नत रसायन विज्ञान सेल बैटरी, ड्रोन और फार्मा जैसे 14 क्षेत्रों के लिए की गई थी।
यह पूछे जाने पर कि पूरा कोष कब वितरित किया जाएगा, सिंह ने कहा, 'यह कहना मुश्किल है क्योंकि इसमें कई कारक शामिल हैं। लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि योजना के कार्यकाल के दौरान इसका एक अच्छा हिस्सा समाप्त हो जाएगा।" उन्होंने कहा कि इस योजना से होने वाली बचत पर पहले से ही अन्य पीएलआई योजनाओं या पुनर्गठित पीएलआई योजनाओं के लिए विचार किया जा रहा है। पुनर्गठित पीएलआई योजनाओं के बारे में पूछे जाने पर सचिव ने कहा कि ये अंतर-मंत्रालयी परामर्श के विभिन्न चरणों में हैं।