केंद्रीय जांच एजेंसी (सीबीआई) ने जीटीएल लिमिटेड, उसके निदेशकों और कुछ अज्ञात बैंकरों के खिलाफ 4,760 करोड़ रुपये के ऋण धोखाधड़ी मामले में केस दर्ज किया है। आरोप है कि इन लोगों ने कर्ज के पैसों का दूसरी जगह इस्तेमाल करके बैंकों के एक समूह को चूना लगाया है। समूह में 24 बैंक शामिल हैं।
जांच एजेंसी के मुताबिक, कंपनी ने समूह से धोखाधड़ी कर कर्ज हासिल किया और उसका अधिकांश पैसा कुछ बैंक अधिकारियों और वेंडरों के साथ मिलीभगत करके हड़प लिया। कथित धोखाधड़ी वर्ष 2009-2012 के बीच हुई थी। जांच में पाया गया कि जीटीएल कुछ वेंडरों को हर साल बड़ी मात्रा में अग्रिम राशि देती थी, लेकिन किसी सामान की आपूर्ति नहीं होती थी। बाद में इन अग्रिम भुगतानों का प्रावधान किया गया। जीटीएल को वर्ष 1987 में ग्लोबल ग्रुप के मनोज तिरोडकर ने शुरू किया था।