केंद्रीय जांच ब्यूरो ने ओएनजीसी नई दिल्ली की शिकायत पर एक मामला दर्ज किया है जिसमें आरोप लगाया गया है कि तत्कालीन डीजीएम (एमएस) और असम के जोरहाट में तैनात एक संविदात्मक चिकित्सा अधिकारी (व्यावसायिक स्वास्थ्य) ने एक निजी कंपनी के मालिक और अज्ञात अन्य लोगों के साथ साजिश रचकर हेराफेरी की है। सीबीआई के अनुसार, "आरोप है कि उक्त लोगों ने ओएनजीसी स्वास्थ्य सुविधाओं के रिटायर्ड लाभार्थियों और उनके आश्रितों के नाम पर उनकी जानकारी के बिना फिजियोथेरेपी के लिए मांग पर्ची तैयार की। यहां तक कि उन उन लाभार्थियों के नाम पर भी मांग पर्ची तैयार की गई जिनकी मृत्यु हो चुकी थी।"