कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने मंगलवार को लोकसभा में एक सवाल का जवाब देते हुए बताया है कि गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने के फैसले से किसानों को कोई नुकसान नहीं उठाना पड़ा है। कृषि मंत्री लोकसभा में उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि गेहूं के निर्यात पर बैन लगने के कारण किसानों को जो नुकसान उठाना पड़ रहा है, क्या उसकी भरपाई के लिए सरकार किसानों को कोई मुआवजा देने जा रही है?
कृषि मंत्री ने सवाल का जवाब देते हुए लोकसभा में बताया है कि गेहूं का निर्यात बड़ी मात्रा में बड़े-बड़े निर्यात करते थे। वहीं दूसरी ओर, गेहूं के निर्यात के बावजूद घरेलू बाजार में गेहूं की कीमतें एमएसपी से लगातार ऊपर बनी रही है। ऐसे में किसानों को इससे कोई नुकसान नहीं हुआ है। आपको बता दें कि बीते मई महीने में सरकार ने गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। उस समय सरकार की ओर से कहा गया था कि यह कदम देश में और पड़ोसी देशों में (जहां गेहूं की ज्यादा जरूरत है) खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है। गेहूं पर निर्यात पर रोक लगाने के बाद सरकार ने जुलाई महीने की 12 तारीख से सरकार ने गेहूं के आटे और उससे जुड़े उत्पादों (मैदा, सेमोलिना व साबूत आटा) के निर्यात पर भी पाबंदी लगा दी है। अब इन चीजों के निर्यात के लिए अंतर मंत्रालयी समूह की इजाजत जरूरी हो गई है।