सितंबर में रूस से भारत का मासिक कच्चा तेल आयात 11.8 फीसदी बढ़कर लगभग 15.4 लाख बैरल प्रतिदिन (बीपीडी) हो गया है। साथ ही, सऊदी अरब से आयात लगभग 22 फीसदी घटकर 5,27,000 बीपीडी हो गया। आंकड़ों से पता चलता है कि भारत के अप्रैल-सितंबर में कच्चे तेल आयात में रूस की हिस्सेदारी एक साल पहले के 17 फीसदी से बढ़कर लगभग 40 फीसदी हो गई है।
आयात में अफ्रीका की हिस्सेदारी आधी होकर 4 फीसदी हो गई, जबकि अमेरिकी तेल की हिस्सेदारी 2.8% से बढ़कर 3.2 फीसदी हो गई। मध्य पूर्वी देशों की हिस्सेदारी लगभग 60 फीसदी से घटकर 44 फीसदी हो गई। भारत का अप्रैल-सितंबर तेल आयात एक साल पहले से 1.6 फीसदी कम होकर लगभग 45 लाख बीपीडी हो गया है।
ओपेक ने की तेल बाजारों को स्थिर करने में मदद
रूस ने कहा कि प्रमुख तेल उत्पादकों के समूह ओपेक प्लस ने तेल बाजारों को स्थिर करने में मदद की है। रूसी तेल पर मूल्य सीमा के रूप में पश्चिमी हेरफेर के बावजूद बाहरी दबाव का विरोध किया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता एलेक्सी जैतसेव ने शुक्रवार को साप्ताहिक बैठक में कहा कि रूस वैश्विक ऊर्जा बाजारों के लिए एक जिम्मेदार आपूर्तिकर्ता है और ओपेक प्लस के साथ सहयोग महत्वपूर्ण है।