बॉम्बे हाईकोर्ट ने एक हीरा कारोबारी की उस याचिका को खारिज कर दिया है जिसमें उसने अपने खिलाफ एसएफआईओ (Serious Fraud Investigation Office) की ओर जारी लुकआउट नोटिस को चुनौती दी थी। एसएफआईओ की ओर से हीरा कारोबारी के खिलाफ यह लुकआउट नोटिस नीरव मोदी और मेहुल चौकसी के आर्थिक अपराध से जुड़े मामले में जारी की गई थी।
आपको बता दें कि जस्टिस पीबी वराले और जस्टिस एसएम मोदक की खंडपीठ ने 5 जुलाई को रमेश शाह की ओर से दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें एसएफआईओ को उन पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंधों को तुरंत वापस लेने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
कोर्ट ने अपने आदेश में जिसे शुक्रवार को जारी किया गया, कहा है कि यह मामला एक गंभीर धोखाधड़ी का है, जिसमें सरकारी खजाने को भारी नुकसान हुआ है और इस मामले में अब भी कुछ आरोपितों को पकड़ा जाना बाकी है।
कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा है कि एसएफआईओ का यह कहना कि शाह ने भगोड़े अपराधी चोकसी के स्वामित्व वाली गीतांजलि जेम्स के शेयर खरीदने के लिए निवेश किए गए धन के बारे में सही और पूरी जानकारी नहीं दी थी, सही जान पड़ता है। एसएफआईओ इस मामले में रमेश शाह से और जानकारी चाहती है।
आपको बता दें कि हीरा कारोबारी रमेश शाह ने दावा किया था कि उसने गीतांजलि जेम्स लिमिटेड के कुछ निश्चित शेयर साल 2015 में खरीदे थे और 18 महीने के बाद सेबी की ओर से जरूरी क्लियरेंस लेकर बेच दिए थे।