भारतीय स्टार्टअप कंपनियों में निवेश 2023 की पहली छमाही में सालाना आधार पर 36 फीसदी गिरकर 3.8 अरब डॉलर रह गया है। यह इसका चार साल का निचला स्तर है। इस दौरान कुल 298 सौदे हुए। वहीं, 2022 की समान अवधि में घरेलू स्टार्टअप में 5.9 अरब डॉलर का निवेश हुआ था।
पीडब्ल्यूसी इंडिया ने एक रिपोर्ट में कहा, मात्रा के हिसाब से इस साल की पहली छमाही में कुल निवेश का 57 फीसदी शुरुआती स्तर के सौदों के रूप में मिला। मूल्य के हिसाब से यह करीब 16 फीसदी हिस्सा रहा, लेकिन पिछले साल से तुलना करने पर यह सबसे निचला स्तर है। निवेशकों के व्यवसाय के हर पहलू की उचित जांच में अधिक समय लेने से निवेश घटा है। पीडब्ल्यूसी इंडिया के मुताबिक, कैलेंडर वर्ष 2023 की पहली छमाही के दौरान चेन्नई को छोड़कर सभी शहरों में स्टार्टअप फंडिंग गतिविधियों में गिरावट आई है। हालांकि, एनसीआर, बंगलूरू और मुंबई की स्टार्टअप कंपनियों की कुल फंडिंग गतिविधियों में करीब 83 फीसदी हिस्सेदारी दर्ज की गई। पिछली तिमाहियों में चुनौतीपूर्ण बाजार स्थितियों के बावजूद निवेशकों ने सकारात्मक वृद्धि वाली कंपनियों में अपने निवेश को दोगुना किया है।