भारत में निवेश करने के मामले में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) चौथा सबसे बड़ा देश बन गया है। पिछले साल मई में दोनों देशों के बीच मुफ्त कारोबार एग्रीमेंट हुआ था। पिछले वित्त वर्ष में यूएई से भारत में 3.35 अरब डॉलर का निवेश आया जो 2021-22 में महज 1.03 अरब डॉलर था।
उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के आंकड़ों के मुताबिक, 2021-22 में भारत में निवेश करने के मामले में यूएई सातवें स्थान पर था। सिंगापुर 17.2 अरब डॉलर के साथ पहले स्थान पर है जबकि मॉरीशस 6.1 अरब डॉलर के साथ दूसरे और अमेरिका 6 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर बना हुआ है। संयुक्त अरब अमीरात भारत में मुख्य रूप से सेवाओं, समुद्री परिवहन, ऊर्जा और विनिर्माण क्षेत्रों में निवेश करता है। दोनों देशों के बीच निवेश के तेजी से मजबूत होने का श्रेय मजबूत द्विपक्षीय संबंधों, यूएई से निवेश प्रतिबद्धताओं में वृद्धि व व्यापार करने में आसानी के लिए नीतिगत सुधारों को दिया जा सकता है।यूएई से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में वृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कारकों में से एक 18 फरवरी, 2022 को भारत और संयुक्त अरब अमीरात के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते (सीईपीए) पर हस्ताक्षर करना भी है। यह समझौता एक मई, 2022 को लागू हुआ है। यूएई भारतीय बुनियादी ढांचा क्षेत्र में 75 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।